मोहम्मद सईद
शहडोल 5 अगस्त। सैकड़ों किलोमीटर का सफर करके बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की एक बाघिन सकुशल वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल पहुंच गई है। अब इस बाघिन को वन विहार भोपाल में ही रखा जाएगा। बाघिन के आक्रामक और लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले स्वभाव को देखते हुए इस बाघिन को पिछले तीन माह से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बहेरहा बाड़े में रखा गया था।
एक बालक को मारा था
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने "खबरें अभीतक" को बताया कि अप्रैल महीने में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर रेंज अंतर्गत पिपरिया गांव में एक बालक को बाघिन ने मार दिया था। इस घटना के दूसरे ही दिन एक महिला को भी बाघिन ने घायल कर दिया था। यह बाघिन पिपरिया गांव के इर्द-गिर्द ही घूम रही थी और उसने वहीं अपना ठिकाना बनाया हुआ था। उसे कई बार जंगल में शिफ्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन पार्क प्रबंधन इस प्रयास में नाकामयाब रहा। इसके बाद बाघिन को रेस्क्यू करके बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बहेरहा बाड़े में रख कर उसके व्यवहार का अध्ययन किया गया। लेकिन इसका व्यवहार अलग तरह का और आक्रामक था। यह बाघिन लगभग तीन से चार वर्ष उम्र की है।
डिप्टी डायरेक्टर श्री वर्मा ने बताया कि बाड़े में रखने के बाद वन विहार के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को रिपोर्ट भेजी गई, जिसमें यह निर्देश मिले कि यह बाघिन जंगल में सरवाइव नहीं कर पाएगी, इसलिए इस बाघिन को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल भेजा जाए। इसके बाद सोमवार को दोपहर इसे डॉक्टर और अधिकारियों की निगरानी में वन विहार भोपाल के लिए रवाना किया गया। लंबा सफर पूरा करने के बाद देर रात लगभग 12 बजे इस बाघिन को लेकर वन विभाग की टीम वन विहार भोपाल सकुशल पहुंच गई।
इस टीम में बांधवगढ़ के वन्य जीव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश तोमर और वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपक राज सहित 7 लोग शामिल थे। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर श्री वर्मा ने यह भी बताया कि यह बाघिन पूरी तरह से स्वस्थ है और वन विहार में विशेषज्ञ डॉक्टरों और अधिकारियों की निगरानी में है।



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इस बाघिन का नाम क्या है?
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