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बाल विवाह रोकने महिला एवं बाल विकास विभाग कर रहा जागरूकता कार्यक्रम

मोहम्मद सईद

शहडोल 28 अप्रैल। अक्षय तृतीया को विवाह के लिए सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है और यही कारण है कि अक्षय तृतीया के मौके पर जमकर विवाह समारोह आयोजित होते हैं। इस दौरान कई बार बाल विवाह होने की भी खबरें सामने आ जाती हैं। अक्षय तृतीया के मौके पर बाल विवाह ना हो इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को समझाइए दी जा रही है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के सोहागपुर परियोजना अधिकारी आनंद अग्रवाल ने बताया कि

शासन द्वारा जारी निर्देशों के तहत अक्षय तृतीया के आसपास होने वाले विवाहों के समय में बाल विवाह अधिनियम के प्रचार प्रसार एवं जागरूकता कार्यक्रम करने के निर्देश प्राप्त हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार आम जनों को समझाइए कार्यक्रम, रैली और चौपाल का आयोजन किया जाकर बाल विवाह अधिनियम की जानकारी प्रदाय की जा रही है।


 ग्राम पंचायत खैरहा में नाबालिक बालिका के विवाह तय करने की जानकारी प्राप्त होने पर परियोजना अधिकारी आनंद अग्रवाल ने पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ जाकर परिवारजनों को समझाइए दी तथा समझाने के उपरांत यह परिवार बाल विवाह नहीं करने के लिए तैयार हो गया तथा 18 वर्ष पूर्ण होने के बाद ही विवाह करने का वचन दिया गया। इसी के तहत ग्राम पंचायत सामतपुर में उपस्थित महिलाओं को बाल विवाह अधिनियम की जानकारी देते हुए बालिका का विवाह 18 वर्ष के उपरांत तथा बालक का विवाह 21 वर्ष के उपरांत करने की समझाइए दी गई। सोहागपुर परियोजना अंतर्गत अन्य ग्राम पंचायतों में भी इसी तरह का जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहा है।



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