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बाल विवाह व दागना को रोकने चला रहे जागरूकता कार्यक्रम

मोहम्मद सईद

शहडोल 6 दिसंबर। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा द्वारा लगातार इस अभियान की मॉनिटरिंग की जा रही है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले की परियोजना इकाई, सेक्टर और ग्राम स्तर पर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों और संबंधित ग्रामों में जन जागरूकता रैली निकल जा रही है। साथ ही विद्यालयों में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, बाल विवाह की रोकथाम के लिए शपथ शपथ दिलाना और दीवार लेखन के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। अभियान के तहत बाल विवाह और दागना को लेकर गांवों में चौपाल लगाकर भी ग्रामीणों को न सिर्फ जागरूक किया जा रहा है बल्कि उन्हें समझाइए भी दी जा रही है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि बाल संरक्षण के तहत दगना कुप्रथा की रोकथाम के लिए 0-1 वर्ष तक के बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्र एवं ग्राम स्तर पर कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भेंट कर बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेते हुए बच्चों के बीमार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने के साथ ही समझाइश भी दी जा रही है।

झाड़ फूंक से बचने की दी समझाइश

जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री मिश्रा ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम एवं  दागना कुप्रथा के प्रति जागरूक करने के लिए सेमरिया, चन्नौड़ी परियोजना बुढ़ार, धनपुरी नं. 3,  विक्रमपुर, पड़मनिया, भटिया, और खैरहा में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर मैदानी कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को समझाइए दी गई की बाल विवाह कानूनी अपराध है। इसके प्रति जागरूक रहे हैं और युवक की उम्र 21 वर्ष व बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने पर ही विवाह कराएं। साथ ही यह समझाइस भी दी गई की बच्चों के बीमार होने पर डॉक्टरों की सलाह लें और झाड़ फूंक के बहकावे में ना आए। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोगों को बाल विवाह न करने की शपथ भी दिलाई गई।

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