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पर्यावरण, पेयजल, स्वास्थ्य और रोजगार की ओर ध्यान देंगे, तो कोयला खदान का स्वागत है

मोहम्मद सईद

शहडोल 26 जून। संभागीय मुख्यालय शहडोल के समीपवर्ती ग्राम अर्जुनी, बड़वाही, धौरई और पहड़िया के ग्रामीणों के लिए एक अच्छी खबर यह है, कि आगामी दिनों उनके क्षेत्र में एक भूमिगत कोयला खदान खुलने जा रही है। यह कोयला खदान मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड द्वारा खोली जाएगी। इस भूमिगत कोयला खदान के पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए 26 जून को ग्राम पंचायत धौरई के परिसर में लोक सुनवाई का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी शहडोल मुकेश श्रीवास्तव और एसडीएम पाली अम्बिकेश प्रताप सिंह की उपस्थिति में आयोजित इस लोक सुनवाई में इन संबंधित ग्रामों से आए ग्रामीणों ने कोयला खदान का स्वागत करते हुए खुलकर अपनी बात रखी।

ग्रामीणों को साथ लेकर होगा हर कार्य

लोक सुनवाई के प्रारंभ में अल्ट्राटेक सीमेंट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं कॉरपोरेट हेड पर्यावरण डॉ. के वी रेड्डी ने इस भूमिगत कोयला खदान के सभी पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ रेड्डी ने बताया कि संबंधित ग्रामों में विकास कार्य, ग्रामीणों के स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देना और रोजगार को लेकर ग्रामीणों को साथ लेकर कार्य किया जाएगा। कंपनी के सी एस आर से किए जाने वाले कार्यों को लेकर भी उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भी अपनी बातें स्पष्ट की। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह के आधुनिक सुरक्षा तरीकों से कोयला का खनन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भूमिगत खदान सबसे सुरक्षित है। डॉ रेड्डी ने बताया कि इस कोयला खदान के लिए किसी भी निजी जमीन की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा जो भी कार्य किया जाता है, वह सब कुछ वेबसाइट पर उपलब्ध है।

किसानों को भी मिले पानी

जनपद पंचायत पाली के उपाध्यक्ष अवधेश प्रताप सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ ही ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि खदान से निकलने वाले पानी का ट्रीटमेंट कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ही किसानों को फसल के लिए पानी दिया जाना चाहिए। उपाध्यक्ष श्री सिंह ने यह भी कहा कि महिलाओं को प्रशिक्षित करके रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि महिलाएं भी आत्मनिर्भर हो सकें।

क्षेत्र के विकास में ध्यान दिया जाए

जनपद पंचायत पाली के अध्यक्ष मनीष सिंह (बबलू) ने ग्रामीणों की तरफ से एक मांग पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि पर्यावरण को बनाए रखने के लिए पौधारोपण करना, विद्यार्थियों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग, युवा और महिलाओं को रोजगार से जोड़ना तथा सौर ऊर्जा से किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यह पांचवी अनुसूची क्षेत्र है इसलिए यहां के धर्म स्थलों के धरोहर के लिए कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्रामीणों के इस मांग पत्र को क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी और एसडीएम को भी सौंपा है।

जंगल की भूमि को सुरक्षित रखना होगा

जिला पंचायत सदस्य हेमनाथ बैगा ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है इसलिए जंगल की भूमि को सुरक्षित करना होगा। साथ ही इस बात पर भी ध्यान होगा कि इस क्षेत्र का जलस्तर नीचे न गिरे। ग्राम पंचायत बड़वाही के उप सरपंच धनीराम तिवारी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों के रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। जनपद सदस्य सुरेश पनिका, लखन लाल बैगा, लोकनाथ चौधरी और अर्जुनी के बिहारी यादव सहित कई अन्य ग्रामीणों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किया। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने लिखित में भी अपने विचार दिए हैं। लोक सुनवाई में बड़ी संख्या में ग्रामीण और महिलाएं उपस्थित रहीं।

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी शहडोल मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि जल स्तर, पौधारोपण, पेयजल, सिंचाई और रोजगार सहित जो भी मुद्दे सामने आए हैं उन्हें सब एकत्र कर पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय दिल्ली द्वारा स्वीकृति दी जाती है।


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