Ticker

6/recent/ticker-posts

तो क्या इस कबाड़ी का सिस्टम है सब पर भारी

मोहम्मद सईद

शहडोल 24 जुलाई। संभागीय मुख्यालय शहडोल में जिस दुःसाहस के साथ कबाड़ का काला कारोबार दिन-रात संचालित हो रहा है, उससे यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या कबाड़ियों का सरगना माना जाने वाले सोहागपुर के गुड्डू कबाड़ी का सिस्टम सब पर भारी है। ऐसा इसलिए क्योंकि गुड्डू कबाड़ी शहडोल शहर में जिस तरह नेटवर्क फैला कर रोजाना कबाड़ से भरा वाहन शहडोल से जबलपुर के लिए भेज कर रहा है, उससे ऐसा लग रहा है, कि कबाड़ के काले कारोबार में उसे पुलिस का भी किसी तरह का कोई खौफ नहीं है।

छोटी टपरी से अब 4 ठीहा

सूत्र बता रहे हैं, कि सोहागपुर निवासी गुड्डू कबाड़ी ने कभी छोटी सी टपरी से कबाड़ के कारोबार की शुरुआत की और बड़े कबाड़ियों का दामन पड़कर आज वह खुद कबाड़ियों का सरगना बन गया। बताया जा रहा है कि सोहागपुर में भूसा तिराहे के पास कबाड़ का ठीहा शुरू करने के बाद आज उसके चार बड़े ठीहे संचालित हैं। ऐसा भी बताया जा रहा है कि ठीहों में आने वाले वाहनों की कटिंग कर उसे कबाड़ बनाया जाता है। इस काम के लिए गैस कटर और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ दर्जनों कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से रात-दिन जुटे रहते हैं।

इस ठीहा में होती है कटिंग

जानकारी के अनुसार सर्किट हाउस के पास मुख्य सड़क के बगल में स्थित ठीहा, सिंहपुर रोड में पोंडा नाला के पहले का ठीहा और भूसा तिराहे के पास स्थित ठीहों में आने वाले माल को छोटे वाहनों में लोड करके उसके सबसे बड़े बाणगंगा मेला मैदान के थोड़ा आगे नए बाईपास के पास स्थित ठीहा में पहुंचाया जाता है। जानकारी के अनुसार इस ठीहा में चोरी के वाहनों और सामानों की कटिंग कर उसे कबाड़ बना दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार यहां बड़े ट्रक आते हैं जिसमें पहले चोरी का और अन्य महंगे सामानों को नीचे दबा कर उसके ऊपर टीन-टप्पर लाद दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार अवैध कबाड़ से लोड होने के बाद ट्रक को सीधे बुढार रोड बाईपास या फिर मेडिकल कॉलेज रोड में स्थित धर्म कांटा ले जाकर वहां कांटा कराया जाता है और उसके बाद फिर यह ट्रक धड़ल्ले से बेखौफ होकर जबलपुर के लिए रवाना हो जाता है।

इन ठीहों पर भी गुड्डू का नियंत्रण

सूत्रों से मिली एक अन्य जानकारी के अनुसार सिंहपुर रोड में एक अशासकीय स्कूल के सामने, कांग्रेस भवन के पीछे, न्यू बस स्टैंड के पास, चपरा क्वार्टर के आगे मिट्ठू बाड़ा और सोहागपुर में भी कबाड़ का ठीहा संचालित हो रहा है, लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि इन सभी ठीहों में सीधा नियंत्रण गुड्डू का है और यह सभी कबाड़ी अपना पूरा माल गुड्डू को ही बेचते हैं। बताया जा रहा है कि यहां भी एक खेला इस तरह का होता है कि गुड्डू द्वारा उनसे कम रेट पर माल लेकर उसे महंगे रेट पर जबलपुर में बेचा जाता है।

Post a Comment

0 Comments