मोहम्मद सईद
शहडोल 14 नवंबर। एक सहायक यंत्री मनरेगा पर मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी आदेश के विपरीत कार्य करने और नियम विरूद्ध एवं गैर कानूनी रूप से मनरेगा मद से नदी पुनर्जीवन योजना के अन्तर्गत लगभग 7 करोड़ की लागत से 57 स्टाप डेमों एवं चेक डेमों की तकनीकी स्वीकृति देकर गुणवत्ताहीन और औचित्यहीन निर्माण कराने का आरोप लगा है। यह आरोप तत्कालीन प्रभारी सहायक यंत्री मनरेगा जनपद पंचायत जैतहरी वर्तमान पदस्थापना प्रभारी सहायक यंत्री मनरेगा जनपद पंचायत कोतमा जी के मिश्रा पर है। अनूपपुर जिले के पूर्व जिला पंचायत सदस्य बुद्धसेन राठौर ने इस पूरे मामले की शिकायत शहडोल संभाग की कलेक्टर श्रीमती सुरभि गुप्ता से की है। श्री राठौर ने इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराकर कार्यवाही किए जाने की मांग की है।अनूपपुर जिले के पूर्व जिला पंचायत सदस्य बुद्धसेन राठौर ने उल्लेख किया है, कि मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा समस्त कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक तथा समस्त मुख्यकार्यपालन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक को आदेश जारी कर मनरेगा अन्तर्गत नवीन तालाब निर्माण, तालाब जीर्णोद्धार, स्टाप डेम एवं घाट कटिंग के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति देने के लिए कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अथवा उससे वरिष्ठ यंत्री द्वारा स्थल का पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार दिये जाने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन उक्त राज्य शासन द्वारा जारी आदेश के विपरीत जानबूझ कर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए तत्कालीन प्रभारी सहायक यंत्री मनरेगा जी के मिश्रा जनपद पंचायत जैतहरी द्वारा वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में नियम विरूद्ध तरीके से मनरेगा मद से लगभग 7 करोड़ की लागत से 57 स्टाप डेमों की तकनीकी स्वीकृति देकर गलत तरीके से स्थलों पर गुणवत्ताहीन एवं औचित्यहीन निर्माण कराकर शासकीय धनराशि का दुरूपयोग किया गया है। श्री राठौर ने यह उल्लेख भी किया है कि मध्यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय भोपाल के द्वारा जारी आदेशानुसार स्टाप डेम/बैराज निर्माण के लिए 1.75 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर सिंचाई के लिए रकवा का मापदण्ड निर्धारित कर स्टाप डेमों का निर्माण किया जाना है। लेकिन तत्कालीन प्रभारी सहायक यंत्री मनरेगा श्री मिश्रा द्वारा मनमानी तरीके से 14 लाख एवं 15 लाख की लागत से जिन स्टाप डेमों का निर्माण कार्य कराया गया है और इन स्टाप डेमों से 1 हेक्टेयर रकवा की भी सिंचाई नही हो रही है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्री राठौर ने यह भी उल्लेख किया है कि इस संबंध में भवदीय के द्वारा कलेक्टर जिला-अनूपपुर को दिनांक 24/07/2025 को ईमेल से एवं दिनांक 28/07/2025 को आवेदन पत्र प्रस्तुत कर जांच एवं कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन जांच की कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। श्री राठौर ने राज्य शासन के आदेश के विपरीत तकनीकी स्वीकृति देकर बनाये गये स्टाप डेमों की मौका स्थलो से प्राक्कलन में प्रावधानित आईटमों, माप पुस्तिका में मेजरमेंट/माप किये गये सामग्री तथा उक्त निर्माण कार्यों में लगाई गयी सामग्री एवं बिल बाउचर के आधार पर उच्च स्तरीय जांच कराये जाने व उचित कार्यवाही करने की कमिश्नर से मांग की है।


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