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उधार के रुपए मांगने पर दोस्त ने दी गाली, तो दोस्त और महिला मित्र की कर दी थी हत्या

मोहम्मद सईद

शहडोल 24 मई। एक युवक ने अपने ही एक दोस्त को महज इसलिए मौत के घाट उतार दिया कि उसने जब दोस्त से उधार दिए गए रुपए वापस मांगे तो दोस्त ने रुपए नहीं दिया और उसे गाली दे दी। इतना ही नहीं जब यह अपने दोस्त को मौत के घाट उतार रहा था तब वहीं मौजूद उसकी महिला मित्र ने हो हल्ला किया तो इसने उसे भी मौत की नींद सुला दिया। पुलिस ने अंधी हत्या की इस गुत्थी को तीन दिन में ही सुलझा कर आरोपियों को जेल पहुंचा दिया। पूरा मामला उमरिया जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में 20 मई को जली हुई अवस्था में मिले युवक और युवती के शव से जुड़ा है। उमरिया के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया ने शनिवार को पत्रकारों को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 20 मई को थाना मानपुर में सूचना मिली कि नाचनदेवी हार मैग्टोला ग्राम दुलहग में एक युवक और एक युवती के शव मिले हैं। घटना स्थल पर पहुंच कर पुलिस द्वारा शव की शिनाख्त कराने पर शव की पहचान मनीष साहू पिता संतोष साहू उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम दुलहरा एवं मनोरमा बारी पिता अनिल बारी उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम सिगुड़ी के रूप में हुई। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान घटना स्थल एवं शव का निरीक्षण करने पर पृथम दृष्टया धारा 103(1), 238 बीएनएस का थाना मानपुर में अपराध  कायम कर विवेचना में लिया। 

सीसीटीवी फुटेज ने खोले राज

घटना की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए डीआईजी शहडोल पुलिस जोन सुश्री सविता सुहाने और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमरिया प्रतिपाल सिंह महोबिया ने भी घटना स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए अज्ञात आरोपियों पर 20 हजार रुपए का इनाम उदघोषित किया था। थाना प्रभारी मानपुर मुकेश मर्सकोले द्वारा तत्काल अज्ञात आरोपियों की पतासाजी के लिए थाने में अलग अलग टीमों का गठन कर क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज प्राप्त कर दिखवाए गए। मानपुर थाना प्रभारी के नेतृत्व में मानपुर पुलिस टीम ने 02 दिन तक लगातार कड़ी मशक्कत एवं मेहनत से सीसीटीवी फुटेज देखे तो यह बात सामने आई कि दोनों मृतक अंतिम बार 16 मई को ग्राम बरबसपुर के अनिल खटिक के साथ देखे गए हैं। थाना प्रभारी मानपुर के कुशल नेतृत्व में गठित टीम ने सायबर सेल की मदद से संदेही अनिल खटिक को थाना लाकर पूंछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार करते हुये बताया कि 16 मई को वह मनीष और मनोरमा के साथ सुबह से ही साथ में था, क्योंकि तीनों दोस्त थे। अनिल खटीक ने पुलिस को बताया कि मनीष साहू उसका पैसा लिया था जो मांगने पर नहीं दे रहा था और उसे गाली देता था। जिस कारण वह मनीष साहू से नफरत करता था। उसने बताया कि शाम 06 बजे मनीष और मनोरमा जब काफी नशे में थे तब उसने अपने दोस्त पवन कुशवाहा के साथ मिलकर मनीष साहू के गले में चाकू से मार कर उसकी हत्या कर दी। मनोरमा द्वारा चिल्लाने पर दोनों  ने मिलकर उसी चाकू से मनोरमा बारी की भी हत्या कर दी और हत्या करने के बाद दोनों के शव को झाड़ियों में छिपा कर मृतका मनोरमा के शव को पेट्रोल डालकर जला दिया। चाकू को वही झाड़ियों में छिपा दिये। इसके बाद दोनों के चपप्ल एवं कपड़े भी दूर ले जाकर छिपा दिए। मनीष और मनोरमा के मोबाइल व पैसे निकाल कर अनिल ने अपने पास रख लिए और मृतक की गाड़ी को बरबसपुर में डब्बू बैगा के घर के सामने खड़ा कर दिए। 

मानपुर पुलिस ने महज तीन दिनों के भीतर तत्परता पूर्वक कार्यवाही करते हुये हत्या के दोनों आरोपियों से मृतक के कपड़े मोबाइल, चाकू आदि बरामद कर लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों अनिल खटिक पिता सुखनंदीलाल खटिक उम्र 21 वर्ष और पवन कुशवाहा पिता बिहारी कुशवाहा उम्र 19 वर्ष दोनों निवासी बरबसपुर थाना मानपुर जिला उमरिया को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। उपरोक्त आरोपियों ने पूर्व में भी हत्या का अपराध कारित किया है जिसका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। 

इनकी रही महती भूमिका

इस अंधे हत्याकांड की गुत्थी को चंद दिन में ही सुलझाने में थाना प्रभारी मानपुर उनि मुकेश मर्सकोले, उनि अभिलाष सिंह, प्रधान आरक्षक सूर्यप्रकाश शुक्ला, मिथलेश पटेल, विकास मिश्रा, मनोज पटेल, आकाशदास, दादराम यादव, आरक्षक विशाल जाटव,  प्रदीप सिंह, महेन्द्र, सचिन, अजय बघेल, लालबिहारी,  शुभम झा, सुरेश माकों, सउनि चालक रामसेवक और सायबर सेल के आरक्षक संदीप सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


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