मोहम्मद सईद
शहडोल 8 मई। शहडोल स्टेशन यार्ड में गुड्स शेड के सामने गुरुवार की सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब वहां खड़ी स्पेशल ट्रेन की बोगी में आग लगने के साथ ही बम विस्फोट हो गया। चारों तरफ यात्रियों की चीख पुकार सुनाई देने लगी। ऐसी स्थिति में मंडल रेल आपदा प्रबंधन की टीम और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने संयुक्त रूप से मोर्चा संभाला और बचाव व राहत का कार्य शुरू किया। टीम के जांबाज सदस्यों ने कुछ देर की मशक्कत के बाद यात्रियों को सकुशल ट्रेन की बोगी से बाहर निकाल लिया और उसके बाद स्थिति सामान्य हो गई। लेकिन यह सब कुछ असल में नहीं हुआ, बल्कि ट्रेन दुर्घटना के दौरान किए जाने वाले राहत कार्य और बचाव का मॉक ड्रिल था। इस मॉक ड्रिल में बम विस्फोट होने के कारण उत्पन्न हुई आपदा से निपटने के लिए किए जाने वाले बचाव व राहत कार्य का प्रदर्शन किया गया। यह अभ्यास प्रदर्शन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 11वीं बटालियन, मंडल संरक्षा विभाग, रेल आपदा प्रबंधन टीम तथा सिविल डिफेंस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
इस प्रदर्शन में शहडोल स्टेशन यार्ड के गुड्स शेड के पास एक स्पेशल ट्रेन के एक सामान्य कोच में बम विस्फोट होने से 01 यात्री की मौत तथा 14 यात्रियों के गंभीर रूप से घायल होने तथा कोच में आग लगने की सूचना प्रसारित की गई। साथ ही एक संदिग्ध पार्सल पेकेट देखे जाने की सूचना आरपीएफ़ तथा स्थानीय पुलिस विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही आरपीएफ़ तथा स्थानीय पुलिस की टीम दल बल के साथ मौके पर पहुंची तथा डॉग स्क्वाड की सहायता से बम होने की पुष्टि करते हुए इसे डिस्पोज किया। इसके साथ ही दुर्घटना राहत यान एवं दुर्घटना राहत चिकित्सा यान के साथ मंडल रेल आपदा प्रबंधन टीम एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल टीम तथा फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा घटना स्थल पहुंच कर राहत व बचाव कार्य करने की पूरी प्रक्रिया को दिखाया गया।
घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया
ग्रीन कॉरीडोर बनाकर एम्बुलेंस से गंभीर रूप से घायल यात्रियों को त्वरित चिकित्सा प्रदान करने के लिए रेलवे अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान यह भी बताया गया कि ऐसी आपात कालीन स्थिति में कैसे पीडितों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए और उनकी कैसे सहायता की जाए। साथ ही आग को बुझाने के विभिन्न तरीकों को भी जीवंत रूप में दिखाया गया। इस अभ्यास प्रदर्शन के माध्यम से किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने हेतु राहत एवं बचाव कार्यों की गतिविधियों को भी दिखाया गया।
हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया
बचाव व राहत कार्यों के तैयारियों की मानीटरिंग मुख्यालय वार रूम से अपर महाप्रबंधक व विभागाध्यक्षों द्वारा तथा मंडल वार रूम से मंडल रेल प्रबंधक व शाखाधिकारियों द्वारा की गई। साथ ही यात्रियों को घटना की त्वरित व सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए मंडल के बिलासपुर, अनूपपुर, उसलापुर, चांपा, कोरबा, रायगढ़, ब्रजराजनगर सहित सभी प्रमुख स्टेशनों में May I Help you Booth तथा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए। अभ्यास प्रदर्शन के दौरान लगाए गए प्राथमिक उपचार केंद्र, पूछताछ केंद्र, सहायता केंद्र व सभी राहत स्टालों का अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया।
मॉक ड्रिल में इनका रहा योगदान
यह संयुक्त अभ्यास संरक्षा विभाग, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), मंडल संरक्षा विभाग, रेल आपदा प्रबंधन टीम तथा सिविल डिफेंस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। जिसमें सिविल डिफ़ेंस, स्काउट-गाइड, सेंट जोन्स ऐंबुलेंस, एआरटी स्टॉफ, एआरामई स्टॉफ़, आरपीएफ, वाणिज्य विभाग, चिकित्सा विभाग सहित सभी विभाग के कर्मचारियों द्वारा विशिष्ट योगदान दिया गया। इस अभ्यास प्रदर्शन में अपर मंडल रेल प्रबंधक बिलासपुर चंद्रभूषण, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी साकेत रंजन सहित मुख्यालय व मंडल के सभी संबंधित विभाग के अधिकारी एवं बडी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एनडीआरएफ एवं रेलवे टीम के लिए आपदा के समय अनुभव तथा विशेषज्ञता आदान-प्रदान करने और हमेशा सतर्क रहने के लिए इस तरह का मॉक ड्रिल समय-समय पर किया जाता रहता है।




0 Comments