मोहम्मद सईद
शहडोल 5 जुलाई। विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ टाइगर रिज़र्व में टाइगर का दीदार करने और प्राकृतिक छटा को करीब से देखने के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए अब एक और गेट की सुविधा उपलब्ध हो गई है। इस नए गेट का नाम ज्वालामुखी गेट है। बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व (बीटीआर) के क्षेत्र संचालक डॉ अनुपम कुमार सहाय और उप संचालक पी के वर्मा ने शुक्रवार को इस नवीन ज्वालामुखी गेट का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। शुभारंभ के पश्चात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अनुविभागीय वन अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी और अन्य वन कर्मचारियों ने टाइगर रिजर्व की चित-परिचित जिप्सी में सवार होकर सफारी कर इस बफर जोन की नैसर्गिक विविधता व जैविक संपदा का अवलोकन किया।
30 किलोमीटर का है यह पर्यटन क्षेत्र
बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के क्षेत्र संचालक डॉ अनुपम कुमार सहाय ने शुभारंभ के मौके पर कहा कि इस नए गेट से पर्यटकों को वन्य जीव, दुर्लभ वनस्पतियों और ऐतिहासिक स्थल का अनूठा अनुभव मिलेगा। उप संचालक पी के वर्मा ने "खबरें अभीतक" से चर्चा के दौरान बताया कि जोहिला पर्यटन जोन के इस नवीन ज्वालामुखी गेट की ताला से दूरी मात्र 8 किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि इस बफर जोन का पर्यटन क्षेत्र लगभग 30 से 35 किलोमीटर का है, जिसमें पांच विशिष्ट रूट विकसित किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के पूर्व यहां के रिसोर्ट संचालकों को भी इस क्षेत्र का भ्रमण करा कर उनसे विचार-विमर्श किया गया था, जिसमें यह बात निकाल कर सामने आई कि यह क्षेत्र बोर्डिंग के लिए भी अच्छा है।
इन वन्य प्राणियों का रहता है मूवमेंट
उप संचालक श्री वर्मा ने बताया कि इस बफर जोन में चीतल, चिंकारा, भालू, सांभर और टाइगर का मूवमेंट लगा रहता है। उन्होंने आशा जताई कि इस बफर जोन न सिर्फ लोगों के रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि पर्यटकों को एडवेंचर और खूबसूरत व मनभावन जंगल का नजारा भी देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि पार्क बंद होने से पहले गर्मी में दो अन्य बफर जोन धमोकर रेंज का परासी और पनपथा रेंज का पचपेड़ी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा है।


1 Comments
पर्यटकों के लिए ये बहुत ही बढ़िया सुविधा हो गई, नए क्षेत्र में वन्य जीवों के देखने के लिए पर्यटक बहुत उत्सुक होंगे।
ReplyDelete