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अधिकारी का फरमान, परिसर में स्मार्ट फोन प्रतिबंधित

मोहम्मद सईद

शहडोल, 1 सितंबर। आजकल एंड्रॉयड फोन लोगों के जीवन का मानो एक अंग सा हो गया है। शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जो बिना फोन के इस वक्त रह रहा होगा। लेकिन अब एक अधिकारी का ऐसा आदेश आया है, जो श्रमिकों में असंतोष बढ़ा रहा है। संभाग अंतर्गत उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में आखिरकार वही हुआ, जिसका कयास लगाया जा रहा था। पिछले दिनों हुए हादसों के बाद संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र प्रबंधन ने परिसर के अंदर ड्यूटी के दौरान ठेका श्रमिकों को स्मार्ट फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे संबंधित आदेश सामने आने के बाद प्रबंधन अब सवालों के घेरे में आ गया है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मुख्य अभियंता (उत्पादन) एच.के.त्रिपाठी ने ताप विद्युत केंद्र के सुरक्षा अधिकारी के नाम आदेश जारी करते हुए उल्लेख किया है, कि विद्युत गृह परिसर के अंदर कार्यादेश के दौरान विभिन्न आउटसोर्स फर्मों/ठेकेदारों द्वारा नियोजित ठेका श्रमिकों का कार्य स्थल पर स्मार्ट फोन तत्काल प्रभाव से पूर्णतः वर्जित किया जाए। अन्यथा की स्थिति में संबंधित फर्म के सुपरवाईजर के पास स्मार्ट फोन जमा कराया जावें तथा उसका उपयोग नहीं हो रहा है कार्य प्रभारी सुनिश्चित करेगें। मुख्य अभियंता उत्पादन श्री त्रिपाठी का यह आदेश सामने आते ही ठेका श्रमिकों में हड़कंप मच गया।

हादसे में झुलसे थे मजदूर

वहीं दूसरी और इस आदेश को लेकर ऐसा कयास लगाया जा रहा है, कि पिछले दिनों कुछ हादसे ऐसे हुए थे जिसमें श्रमिक बुरी तरह से झुलस गए थे। इन हादसों का वीडियो और फोटो तत्काल सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के अंदर हुए इस हादसे की खबर जब बाहर आ गई तो प्रबंधन पूरी तरह से घिर गया था। हादसों की खबर ने मीडिया में भी काफी स्थान बनाया था। ऐसी चर्चा व्याप्त है कि प्रबंधन का मानना है, कि अंदर की गतिविधियों को कर्मचारी ही बाहर तक पहुंचाते हैं। इसलिए अब ऐसा कयास लगाया जा रहा है, कि संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के प्रबंधन ने इस बीमारी का इलाज करने के लिए ही कर्मचारियों के केंद्र के अंदर फोन को ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं दूसरी ओर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में कार्य के लिए आने वाले अधिकारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए पिछले वर्ष बायोमेट्रिक मशीन लगाई गई थी। लेकिन ऐसा बताया जा रहा है, कि लंबा समय बीत जाने के बाद भी यह बायोमेट्रिक मशीन अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। 

मजदूरों में नाराजगी

स्मार्ट फोन प्रतिबंधित करने के आदेश से मजदूरों और कर्मचारियों में नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है, कि यह आदेश उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों पर रोक लगाने जैसा है। उनका यह भी कहना है कि प्लांट प्रबंधन अपनी कमियों को दूर करने पर ध्यान दे न कि मजदूरों को दोषी ठहराते हुए उन पर बंदिशें लगाए।

रील देखते और बनाते हैं-प्रबंधन

स्मार्ट फोन प्रतिबंध आदेश के संबंध में जानकारी लेने के लिए मुख्य अभियंता उत्पादन एच.के. त्रिपाठी से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। लेकिन अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र साहू से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि यह मुख्यालय का पुराना आदेश है, जिसे अब लागू किया जा रहा है। जब उनसे पूछा गया कि आदेश पुराना है तो अब इसे क्यों लागू किया गया है, तो उनका कहना है कि प्लांट परिसर में मजदूर अक्सर रील्स देखते और बनाते हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से खतरा है। उनका कहना है, कि इसी कारण से स्मार्ट फोन पर प्रतिबंध लगाया गया है।

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