मोहम्मद सईद
शहडोल 9 सितंबर। मानव-हाथी द्वंद की गंभीर घटना को अंजाम देने वाले हाथी के व्यवहार एवं स्वास्थ्य का विस्तृत आकलन करने के बाद सेटेलाईट रेडियो कॉलर लगाकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में विचरण के लिए छोड़ दिया गया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों के संरक्षण एवं प्रबंधन की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय ने बताया कि कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला से एक जंगली हाथी को लाकर व सेटेलाईट रेडियो कॉलर लगाकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में खुले वन क्षेत्र में स्वच्छंद विचरण हेतु छोड़ा गया है। इस पहल से न केवल जंगली हाथियों के संरक्षण एवं वैज्ञानिक प्रबंधन को बल मिलेगा, बल्कि रेडिसेयो कॉलरिंग के माध्यम से उनकी गतिविधियों की निगरानी भी सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इससे भविष्य में मानव-हाथी द्वंद की स्थितियों को रोकने में भी मदद मिलेगी। इस कार्यवाही से अब बांधवगढ़ में रेडियो कॉलर युक्त हाथियों की संख्या 3 हो गई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 25 फरवरी 2024 में उक्त जंगली हाथी द्वारा अनूपपुर जिले में मानव-हाथी द्वंद की गंभीर घटना घटित की गई थी।
मानव जीवन की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), भोपाल के आदेश के तहत बाँधवगढ़ एवं संजय टाइगर रिजर्व की संयुक्त रेस्क्यू टीम द्वारा हाथी को पकड़ा गया और इसके बाद इसे व्यवहार आकलन हेतु कान्हा टाइगर रिजर्व में कैप्टिविटी में रखा गया। जंगली हाथी के व्यवहार एवं स्वास्थ्य का विस्तृत आकलन करने हेतु एक समिति का गठन किया गया। तत्पश्चात एलीफैंट एडवाइजरी कमेटी की आयोजित बैठक में पाया गया कि हाथी पूर्णतः स्वस्थ है तथा खुले वन क्षेत्र में छोड़े जाने योग्य है। समिति ने निर्णय लिया कि इसे रेडियो कॉलर लगाकर बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खुले वन क्षेत्र में जंगली हाथियों के झुंड के समीप छोड़ा जाए। निर्णय के परिपालन में प्रधान वन संरक्षक (वन्य प्राणी) एवं मुख्य वन अभिरक्षक, मध्यप्रदेश द्वारा अनुमति प्रदान की गई। आदेशानुसार कान्हा एवं बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व की संयुक्त टीम ने 9 सितंबर को सफलता पूर्वक उक्त जंगली हाथी का परिवहन कर कान्हा से लाकर बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मुक्त कर दिया गया है।


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